Friday, December 8, 2023

इंग्लैंड की नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी में शिवांशी का हुआ चयन

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उत्तराखण्ड की बेटियां परिवार हों या समाज या फ़िर देश के लिए अच्छी नौकरी पाकर फतेह हासिल कर हर जगह अपनी मेहनत से कीर्तिमान रचती है। तो वहीं, अपनी मेहनत के दम पर आने वाले युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत भी बनती है। इसी क्रम में अब अल्मोड़ा निवासी शिवांशी वर्मा का चयन इंग्लैंड की नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी में मास्टर्स कोर्स के लिए हो गया है। अब शिवांगी वर्मा इंग्लैंड से मास्टर्स इन माल्यूक्लूलर माइक्रोबायोलॉजी से मास्टर करेंगी। 

आपको बता दें, कि इससे पहले शिवांशी वर्मा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीएससी लाइफ साइंस की पढ़ाई की और प्रथम श्रेणी हासिल की है। इसके बाद उन्होंने कुमाऊं विवि से बायोटेक्नालाजी में प्रथम श्रेणी हासिल की है। वहीं, इस साल फरवरी से जून तक चली चयन प्रक्रिया में सफल रहने के बाद शिवांशी को इंग्लैंड की नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी में एंट्री मिली है। वहीं, शिवांशी का परिवार ऑफिसर्स कॉलोनी में रहता है। उनके पिता टीके वर्मा एलआईसी के सेवानिवृत्त विकास अधिकारी हैं। जबकि मां कविता वर्मा गृहणी है।

इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में शॉर्ट फिल्म “यगौल बडि” चुनी गई

दुनियाभर में अपनी ख़ास पहचान रखने वाले इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में 8 मिनट की शॉर्ट फिल्म “यगौल बडि” चुनी गई है। आपको बता दें, यह शॉर्ट फिल्म नैनीताल जिले के लालकुआं तहसील के बिंदुखत्ता गांव में रहने वाले युवा फोटोग्रफर हरेंद्र रावत द्वारा डायरेक्ट की गई है। बिंदुखत्ता के गांधीनगर खलियान क्षेत्र के रहने वाले हरेंद्र रावत को बचपन से ही फोटोग्राफी का शौक रहा है। फोटो क्लिक करने के लिए हरेंद्र पहाड़ों में घूमने जाते हैं। इसके चलते ही वो सिनेमाग्राफी और फोटोग्राफी का सुंदर चित्रण करते हैं। इससे पूर्व उत्तराखण्ड सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा फोटोग्राफी प्रतियोगिता में वह प्रथम पुरस्कार जीत चुके हैं। हरेंद्र रावत ने बताया कि उनकी 8 मिनट की शॉर्ट फिल्म “यगौल बडि” इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के लिए चुनी गई है जो की 22 सितंबर को देहरादून में दिखाई जाएगी।

बताते चलें इस शॉर्ट फिल्म “यगौल बडि” में पलायन से खाली होते घर में एक अकेले बूढ़े इंसान को दिखाया है जो सारा काम स्वयं करता है। इस शॉर्ट फिल्म की शूटिंग चमोली जिले के देवाल ब्लॉक के हरनी गांव में की गई है जिसका निर्देशन और कैमरा दोनों ही हरेंद्र रावत ने किया है। यह 8 मिनट की साइलेंट फिल्म है जिसमें कोई डायलॉग नहीं, लेकिन यह अपने दृश्य से ही बहुत कुछ कहती है। अब तो इंटरनेशनल फेस्टिवल के शुरू होने का इंतजार है, जहां दुनिया भर से पहुंचे लोग हरेंद्र की फिल्म को देखेंगे।

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